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नीट एडमिशन 2025

नीट एडमिशन 2025 –

अगर आपको यह पता चल जाए कि कौन सी काउंसलिंग आपके लिए सही है, तो मेडिकल सीट पाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है,बहुत से स्टूडेंट्स केवल रैंक पर ध्यान देते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि मेडिकल एडमिशन के लिए अलग-अलग प्रकार की चार  काउंसलिंग होती हैं,

हर काउंसलिंग का अपना नियम, क्षेत्र और अवसर होता है।

नमस्कार दोस्तों,बात चल रही है उन छात्रों के लिए जिन्होंने नीट प्रवेश परीक्षा 2025 का पेपर दिया था और अब जानकारी के अभाव में काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर काफी परेशान हैं, ऐसे अभ्यर्थी इस पोस्ट के माध्यम से अपनी सारी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं, आइए अब विस्तार से जानकारी लेते हैं नीट में एडमिशन के लिए होने वाली चार प्रमुख काउंसलिंग प्रक्रियाओं के बारे में और यह भी कि आपके लिए कौन-सी सबसे उपयुक्त है। चारों काउंसलिंग के बारे में अभ्यर्थी विस्तार से इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी हासिल कर सकते हैं |

 

Private/Management Quota Counselling

देश के कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपनी मैनेजमेंट कोटा या NRI सीट्स के लिए अलग से काउंसलिंग आयोजित करते हैं। यह काउंसलिंग या तो राज्य स्तर पर होती है या खुद कॉलेज द्वारा कराई जाती है। इन सीटों की फीस काफी ज्यादा होती है और चयन मेरिट के साथ-साथ कॉलेज की पॉलिसी पर भी निर्भर करता है। यह उन छात्रों के लिए विकल्प हो सकता है जिनकी रैंक बहुत अधिक है लेकिन वे निजी संस्थानों में प्रवेश लेना चाहते हैं,

राज्य कोटा काउंसलिंग (State Quota Counselling) – 85% सीटों के लिए

हर राज्य अपने नीट क्वालिफाइड छात्रों के लिए 85% सीटों पर एडमिशन प्रक्रिया आयोजित करता है। इस काउंसलिंग में भाग लेने के लिए उस राज्य का डोमिसाइल सर्टिफिकेट या अन्य जरूरी पात्रता दस्तावेज जरूरी होते हैं। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के मेडिकल काउंसलिंग पोर्टल पर होती है, जिसमें राज्य के सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के कॉलेज शामिल होते हैं।

AIQ Counselling (All India Quota) – 15% सीटों के लिए

AIQ काउंसलिंग राष्ट्रीय स्तर पर होती है, जिसमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 15% सीटों पर एडमिशन दिया जाता है। इसे Medical Counselling Committee (MCC) आयोजित करती है। इसमें सभी राज्यों के स्टूडेंट भाग ले सकते हैं। AIIMS, JIPMER जैसे प्रमुख संस्थान और कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इस काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होते हैं |

डीम्ड विश्वविद्यालय (Deemed University Counselling)

 

अअकोई छात्र  में मेडिकल एडमिशन चाहता है, तो उसे MCC द्वारा कराई जाने वाली काउंसलिंग में भाग लेना होता है। ये काउंसलिंग ऑल इंडिया लेवल पर होती है और फीस संरचना अपेक्षाकृत अधिक होती है। हालांकि, कई छात्रों के लिए यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, खासकर उन छात्रों के लिए जिनकी रैंक थोड़ी अधिक होती है लेकिन वे प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते हैं।

कौन सी काउंसलिंग आपके लिए सही?

नीट काउंसलिंग 2025 में आपके लिए कौन सी काउंसलिंग सही है, यह आपकी रैंक, राज्य निवास (डोमिसाइल), और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आपकी रैंक अच्छी है (जैसे 50,000 तक), तो आपको AIQ (All India Quota) और State Quota Counselling दोनों में भाग लेना चाहिए, क्योंकि सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर रैंक थोड़ी ज्यादा है, तो State Quota में प्राइवेट कॉलेज या Deemed Universities एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं, बशर्ते आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।

अगर आपकी रैंक बहुत ज्यादा है (2 लाख से ऊपर) और आप प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने के लिए तैयार हैं, तो Deemed University या Management/NRI Quota के जरिए मेडिकल सीट मिल सकती है। जिन छात्रों के पास राज्य का डोमिसाइल है, उनके लिए State Quota Counselling सबसे फायदेमंद होती है, क्योंकि इसमें 85% सीटें उसी राज्य के लिए आरक्षित होती हैं। सही काउंसलिंग चुनना आपके मेडिकल करियर की दिशा तय कर सकता है।

 

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